शुक्रवार, 26 जून 2009

दिल ही दिल में


दिल ही दिल में चाहा तुम्हे

दिल ही दिल में प्यार किया

दिल ही दिल में पुकारा तुम्हे

दिल ही दिल में इज़हार किया।


दिल ही दिल में मिला किया

दिल ही दिल में बिछड़ गया

दिल ही दिल में पाया तुम्हे

दिल ही दिल में खो दिया।


सोमवार, 8 जून 2009

यादों की पूंजी


अगर मैं जिंदगी को

जुए की तरह भी जिऊँ

लगाकर सबकुछ दांव पर

हर भी जाऊं।



फिर भी रहेगी तसल्ली

मुझे इस बात की

कि बची हुई है मेरे पास

तेरी नायाब यादों की पूंजी।

गुरुवार, 26 मार्च 2009

बदल जाऊंगा मैं


तुम्हे भला लगे या बुरा

मैं कभी मौसम,

तो कभी फैशन की तरह

बदल जाया करूँगा।


जब कभी

ठंड से ठिठुरने लगोगे तुम

और कंपकंपाने लगेंगे तुम्हारे हसीं होंठ

मैं गर्म- सुकूनदेह दिन बन जाया करूँगा।


जब कभी

झुलसाती हुई गर्मी से,

पड़ेगा तुम्हे गुजरना

और पसीने से तर-बतर होगा,

तुम्हारा बेशकीमती बदन

मैं कम तापमान वाले नर्म दिन में

तब्दील हो जाया करूँगा।


और जब-जब

पुराने फैशन से उबने लगोगे तुम

तब-तब

फैशन के नये-नये रूप धर

आया करूँगा मैं,

हर साल

हर माह

हर सप्ताह

हर दिन।





रविवार, 22 मार्च 2009

सुंदर का स्वप्न


दुनिया


कवि की कल्पना-सी


सुंदर नहीं।


पर,


बन सकती है


सुंदर के स्वप्न से


प्रयत्न से।



बुधवार, 18 मार्च 2009

ग़ज़ल

किसी का चेहरा खुशी से खिल गया
किसी का दिल दर्द से दहल गया
जो मिल न सकता था किसी तरह
बस उसी के लिए मन मचल गया
कोशिशों से रास्ता तो मिल गया
पर, चलने का वक्त निकल गया
गिरा दी किसी ने गरीब की झोंपडी
वही पर किसी का महल बन गया
आजकल वह बावरा बना फिरता है
शायद किसी की नज़रों का जादू चल गया

मंगलवार, 10 मार्च 2009

रिश्ते


अगर रखना है

रिश्तों को बनाये - बचाये,

तो जरुरी है जानना

कि किन बातों को

है भूल जाना

और

किन बातों को

रखना है याद

सोमवार, 9 मार्च 2009

रोना आया



वो गया

तो रोना आया

वो न आया

तो रोना आया।


वो भूल गया

तो रोना आया

वो याद आया

तो रोना आया।


वो वापस आया

तो रोना आया

( ये आंसू खुशी के थे )